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Rohtas Youth Sangeet Success Story: रोहतास जिला के गौरा गांव निवासी संगीत कुमार मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की मदद से लोवर और टी-शर्ट निर्माण का गारमेंट प्लांट स्थापित किया है. उन्होंने न केवल खुद के लिए रोजगार खड…और पढ़ें

प्रतिकात्मक तस्वीर
रोहतास. जब बिहार के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में युवा बेहतर जीवन और रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, तब रोहतास जिले के गौरा गांव के रहने वाले संगीत कुमार ने एक नई राह चुनी है. उन्होंने न केवल खुद के लिए रोजगार खड़ा किया है , बल्कि अपने गांव के कई लोगों को भी रोज़गार से जोड़कर एक मिसाल पेश की है. साल 2022 में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की मदद से संगीत ने अपने गांव में लोवर और टी-शर्ट निर्माण का गारमेंट प्लांट स्थापित किया.
एक छोटे से कमरे में शुरू हुई यह पहल आज एक मजबूत स्वरोजगार मॉडल बन चुकी है. उनके बनाए हुए कपड़े आज सासाराम, बिक्रमगंज और कोचस जैसे शहरों में भेजे जा रहे हैं, जहां इनकी अच्छी मांग है.
15 लाख से अधिक है सालाना टर्नओवर
संगीत बताते हैं कि आज उनकी यूनिट में लगभग 15 लोग स्थायी रूप से कार्यरत हैं, जिसमें हर एक को 20 से 25 हजार रुपये तक की मासिक आमदनी हो रही है. इसके अलावा आस-पास के गांवों से भी अस्थायी रूप से लोग काम के लिए आते हैं, जिससे दर्जनों परिवारों को आर्थिक सहारा मिला है. संगीत कुमार का सालाना टर्नओवर अब 15 से 16 लाख रुपये तक पहुंच चुका है. वे खुद उत्पादन, सप्लाई और गुणवत्ता पर बारीकी से नजर रखते हैं. उनका मानना है कि अगर सही योजना और मजबूत इरादे हों, तो गांव में रहकर भी तरक्की की इबारत लिखी जा सकती है.
आत्मनिर्भर बिहार का भरोसा जगा रहे संगीत
आज जब गांवों से शहरों की ओर पलायन एक बड़ी चिंता है, ऐसे समय में संगीत कुमार जैसे युवा यह भरोसा जगा रहे हैं कि आत्मनिर्भर बिहार की असली नींव गांवों से ही तैयार हो सकती है. उनका सफर हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो रोजगार के लिए दर-दर भटकने की बजाय कुछ अलग करने का हौसला रखता है. संगीत के साथ वैसे लोग जुड़े हें, जो बाहर रहकर मजदूरी करते थे. अब उनको बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है और घर के पास ही काम कर अच्छी कमाई कर ले रहे हैं.