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गोरखपुर की संगीता पांडे महिलाओं को 100 दिनों की ट्रेनिंग देकर उन्हें बिजनेस, मार्केटिंग और पैकेजिंग सिखा रही हैं. उनकी मदद से 100 से ज्यादा महिलाएं आत्मनिर्भर होकर घरेलू बिजनेस शुरू कर चुकी हैं.

उनकी फैक्ट्री से अब तक 100 से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं
रजत भट्ट/ गोरखपुर- अगर कोई महिला छोटे स्तर पर अपना काम शुरू करना चाहती है लेकिन उसे बाजार, पैकेजिंग या मार्केटिंग की जानकारी नहीं है, तो गोरखपुर की संगीता पांडे उनके लिए एक मार्गदर्शक से कम नहीं हैं. खुद एक सफल उद्यमी होते हुए भी संगीता दूसरी महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही हैं और हर संभव सहायता भी दे रही हैं.
डब्बा फैक्ट्री से शुरू हुआ सफर
संगीता पांडे गोरखपुर में अपनी डब्बा फैक्ट्री चलाती हैं, जहां खाद्य उत्पादों की पैकेजिंग के लिए बॉक्स बनाए जाते हैं. लेकिन उनकी विशेषता सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है. वे महिलाओं को सिखाती हैं कि कैसे अपने घरेलू उत्पादों जैसे अचार, मसाले, पापड़ या अगरबत्ती को अच्छे पैकिंग और मार्केटिंग के जरिए बाजार में पहुंचाया जाए.
100 दिनों की विशेष ट्रेनिंग
संगीता पांडे महिलाओं को 100 दिनों की खास ट्रेनिंग देती हैं, जिसमें उन्हें बिजनेस की बारीकियां, मार्केटिंग की रणनीति, ब्रांडिंग और सही पैकेजिंग के गुर सिखाए जाते हैं. उनकी फैक्ट्री से अब तक 100 से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं और अपने घर से ही रोजगार कर रही हैं.
महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण
आज कई महिलाएं सिर्फ इस वजह से व्यवसाय शुरू नहीं कर पातीं क्योंकि उन्हें बाजार की समझ नहीं होती. ऐसे में संगीता पांडे उनके लिए एक बड़ी प्रेरणा बन गई हैं. उनका उद्देश्य है कि हर महिला आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो और अपने पैरों पर खड़ी हो सके.
पूर्वांचल में फैल रहा है आंदोलन
गोरखपुर से शुरू हुआ संगीता पांडे का यह प्रयास अब धीरे-धीरे पूरा पूर्वांचल कवर कर रहा है. अगर कोई महिला घरेलू स्तर पर व्यापार शुरू करना चाहती है और उसे बाजार तक पहुंचने का तरीका नहीं मालूम, तो वह संगीता पांडे से संपर्क कर सकती है. उनका मिशन है, हर महिला आत्मनिर्भर बने और अपनी पहचान बनाए.