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International Womens Day: राजकोट की बंसी कोटेचा ने BCA की पढ़ाई के बाद पिता के फूड बिजनेस में मदद कर आत्मनिर्भरता हासिल की. उनकी मेहनत और संघर्ष से वे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनीं.

बंसी कोटेचा ने फूड बिजनेस में बनाई पहचान.
हाइलाइट्स
- बंसी कोटेचा ने BCA के बाद पिता के फूड बिजनेस में मदद की.
- मेहनत से बंसी आत्मनिर्भर बनीं और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं.
- बंसी ने नाश्ते से शुरू कर पूर्ण भोजन का विकल्प भी जोड़ा.
राजकोट: आजकल महिलाएं अपनी हिम्मत, मेहनत और संघर्ष से अपनी अलग पहचान बना रही हैं. ऐसी ही कहानी राजकोट की रहने वाली बंसी कोटेचा की भी है, जो हर महिला के लिए प्रेरणादायी है. राजकोट की बंसी कोटेचा नाम की युवती ने BCA की पढ़ाई की है, लेकिन उन्होंने अपने पिता के फूड बिजनेस में मदद करने का फैसला किया. आज अपनी मेहनत के परिणामस्वरूप वह आत्मनिर्भर और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई है.
लोकल 18 से बात करते हुए बंसी कोटेचा ने बताया, “मुझे बचपन से ही खाना बनाने का शौक था और इसमें ही करियर बनाने की इच्छा थी. मेरे पिता भी इसी बिजनेस में थे, जिससे मुझे काम सीखने और पिता की मदद करने में आसानी रही. शुरुआत में मैं सिर्फ खमन, इडली, रसपात्रा, दाल पकवान, मसाला पकवान, समोसा, घुघरा, भुंगला बटाटा, इडली सांभर, सेव खमणी जैसे नाश्ते ही बनाती थी, लेकिन ग्राहकों की मांग को ध्यान में रखते हुए हमने रोटी, सब्जी, दाल-चावल जैसे पूर्ण भोजन का विकल्प भी जोड़ा है.”
हर महिला सफल हो सकती है: बंसी कोटेचा
जीवन में कई प्रकार के लोगों का सामना करना पड़ता है, फिर भी कभी हिम्मत न हारने की सलाह देते हुए बंसी कहती हैं, “हर महिला किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती है. आज के समय में आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है और किसी भी स्त्री को दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय अपने पैरों पर खड़ा होने का प्रयास करना चाहिए.”
छोटे सेटअप से शुरुआत करने वाली बंसी भविष्य में अपने बिजनेस को और विस्तृत करना चाहती हैं और परिवार की हर जरूरत पूरी करने का सपना देखती हैं. बंसी की कहानी वास्तव में प्रेरणादायक है और यह हर महिला के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है.