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Business Success Story: पुणे की ऋषिका दिघे ने 2020 में सप्तमवेद नाम से आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स का स्टार्टअप शुरू किया. आज वे 50 से अधिक उत्पाद बनाकर सालाना 13 करोड़ रुपये कमा रही हैं. उनकी कंपनी में 20 लोग काम क…और पढ़ें

आयुर्वेदिक स्टार्टअप सालाना 13 करोड़ कमा रहा है
हाइलाइट्स
- ऋषिका दिघे ने 2020 में सप्तमवेद स्टार्टअप शुरू किया.
- वे 50 से अधिक आयुर्वेदिक उत्पाद बनाती हैं.
- सालाना 13 करोड़ रुपये की कमाई कर रही हैं.
प्राची केदारी/पुणे: महाराष्ट्र के पुणे के पिंपरी चिंचवड़ की ऋषिका दिघे ने आयुर्वेद के पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करके अपना सफल स्टार्टअप खड़ा किया है. उनके आयुर्वेदिक उत्पादों की बाजार में अच्छी मांग है और आज वे अच्छी कमाई कर रही हैं. केवल बिजनेस ही नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली का प्रसार करना उनका उद्देश्य है और उन्होंने सप्तमवेद नाम से यह स्टार्टअप शुरू किया है.
महाराष्ट्र के पुणे जिले की ऋषिका दिघे ने आयुर्वेदिक ज्ञान को बिजनेस में बदलकर सफलता हासिल की। उन्होंने 2020 में कोरोना काल के दौरान सप्तमवेद नाम से स्टार्टअप शुरू किया। शुरुआत में केवल तीन उत्पाद थे, लेकिन आज वे 50 से अधिक आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स जैसे मोरिंगा पाउडर, बीटरूट पाउडर, व्हीटग्रास पाउडर और टैबलेट्स बना रही हैं। उनकी कंपनी में 20 लोग काम करते हैं, जिनमें 15 महिलाएं शामिल हैं। पहले 50 किलो उत्पादन होता था, जो अब 16 टन तक पहुंच गया है। उनके उत्पाद भारत सहित विदेशों में भी बिकते हैं, जिससे वे सालाना 13 करोड़ रुपये कमा रही हैं।
सालाना 13 करोड़ से अधिक की कमाई
पुणे जिले के पिंपरी चिंचवड़ की ऋषिका दिघे ने 2020 में आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स के 50 से अधिक प्रकार के उत्पाद तैयार करके सप्तमवेद नाम से कंपनी शुरू की. इस बिजनेस के माध्यम से वे सालाना 13 करोड़ से अधिक की कमाई कर रही हैं.
लोकल 18 से बात करते हुए ऋषिका दिघे ने बताया, “मैं पत्रकारिता करते समय आदिवासी क्षेत्रों के लोगों को देखती थी कि वे अस्पताल न जाकर जड़ी-बूटियों के माध्यम से अपने रोगों का इलाज करते हैं. 2020 में कोरोना काल के दौरान क्या करना है, यह सवाल उठा. इसलिए मैंने तय किया कि आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स का बिजनेस शुरू करना चाहिए. तीन उत्पादों के साथ शुरुआत की थी. आज लगभग 50 से अधिक उत्पाद तैयार किए हैं. इनमें मोरिंगा पाउडर, बीटरूट पाउडर, व्हीटग्रास पाउडर और कुछ टैबलेट्स शामिल हैं.”
ऋषिका दिघे ने बताया, “करीब 20 लोग काम कर रहे हैं, जिनमें 15 महिलाएं हैं. इन उत्पादों की कीमत लगभग 299 रुपये से 1500 रुपये तक है, जो सभी के लिए किफायती हैं. जब घर से शुरुआत की थी, तब 50 किलो पाउडर तैयार किया था. आज यह 16 टन तक पहुंच गया है. भारत के साथ-साथ विदेशों में भी इसकी बिक्री होती है. इस माध्यम से सालाना 13 करोड़ रुपये की कमाई हो रही है.”