‘सुमित की पत्नी राखी उसे अपने इशारों पर नचाना चाहती थी। हर बात पर टोकती थीं। बहनों से बात नही करने देती थी। हर बात अपने मायके में बताती थी। जिसके बाद उसकी मां भी फोन करके सुमित को प्रताड़ित करती थी।’
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यह कहना हैं गोरखपुर में सुसाइड करने वाले कारोबारी सुमित की मां मालती का। सुमित की मौत के बाद से मां के तो आंसू ही सूख चूके हैं। उनकी आवाज नहीं निकल रही है। सुमित ने अपने सुसाइड नोट में पत्नी और सास पर जो आरोप लगाए हैं। उनकी मां, बहन और भाई उसी बात को सच बता रहे हैं।
दैनिक भास्कर की टीम सुमित के घर पहुंची और मां, पत्नी और भाई व बहनों से बात की। जानिए ऐसा क्या हुआ कि कारोबारी को सुसाइड करना पड़ा…

सुमित की मौत के बाद मां और बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है,सभी मां मालती को सांत्वना दे रहे हैं।
पहले जानिए मां, बहन व भाई ने क्या बताया बड़ी बहन बोली- अपनी पत्नी व सास से प्रताड़ित थे सुमित सबसे पहले हमारी टीम सुमित की बड़ी बहन लता चौरसिया के घर पहुंची। उनका घर भी सुमित के ठीक बगल में है। लता ने बताया कि सुमित अपनी पत्नी व सास से प्रताड़ित थे। वह दोनों अक्सर ताने मारती रहती थीं। राखी किसी से बात नहीं करने देती थी। बार-बार कहती थी कि तुम अपनी 6 बहनों से दूर रहो। वह सुबकने लगती हैं और कहती हैं हमें न्याय चाहिए। सुमित ने सुसाइड नोट में जो लिखा है, उसे पूरा होना चाहिए।

सुमित की 90साल की मां जिनको पैरालिसिस का अटैक पड़ा है। मां के तो आंसू ही सूख चुके हैं।
मां बोलीं- पति को पति नहीं समझती थी, हरदम नीचा दिखाती थी सुमित की मां मालती देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। घर में सभी बहनें मौजूद हैं। रिश्तेदारों का आना-जाना भी लगा है। मां रुंधे गले से कहती हैं कि सुमित की पत्नी रेखा उसे पति नहीं समझती थी। उसे हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश करती थी। दवा लेने गया है तो क्यों गया है, सब्जी लेने गया है तो जल्दी आओ। बच्चों को नहलाना, खाना खिलाना और सुलाना सुमित के ही जिम्मे था। कपड़ा धोना, उसे सुखाना सब सुमित से कराया जाता था। कोई भी बात होती थी तो फौरन अपनी मां को फोन कर बताती थी। जिसके बाद उसकी मां भी भला-बुरा कहती थी।
मेरा बेटा भूखा ही चला गया मालती देवी ने बताया कि सुमित ने गुरुवार की रात खाना नहीं खाया था। राखी ने खाना बनाया था और मुझे लाकर दिया। सुमित को दिया तो उसने इच्छा नहीं जताई। उसके बाद राखी ने खुद खाना खा लिया। सुमित मेरे पास आया और मच्छरदानी लगाकर आराम करने को कहा। सुमित ने कहा था कि हिमांशु आएगा तो वह दरवाजा खोल देगा। हिमांशु बाहर से आया तो उसने खुद खाना निकालकर खाया। सुबह जब मैं जगी तो सभी इधर-उधर भाग रहे थे। पहले को हमें किसी ने कुछ बताया ही नहीं। वह फिर फफक पड़ती हैं और कहती हैं जब पुलिस आई तो सुमित के बारे में बताया गया। हमारी मांग है कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।

सुमित के भाई हिमांशु ने बताया कि भाभी मेरी 90 साल की मां के साथ भी गलत व्यवहार करती थीं।
भाई बोला- मां के प्रति भाभी अच्छा व्यवहार नहीं करतीं सुमित के छोटे भाई हिमांशु ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी थी। हिमांशु ने बताया कि जो बातें उन्होंने सुसाइड नोट में लिखी थीं वह सही हैं। सुमित भाई, भाभी राखी से काफी परेशान थे। भइया काफी काफी सीधे थे। मेरी भाभी का मेरे प्रति व्यवहार अच्छा नहीं था। मेरी बात भी उनसे न के बराबर होती थी। मेरी मां के प्रति भी भाभी का व्यवहार अच्छा नहीं है। भाभी घर का सारा काम भइया से ही करवाती थीं। बच्चों का पूरा काम करवाती थीं। कुछ न करने का ताना बार-बार मारती थीं। हर बात अपने मायके बताती थीं। हिमांशु ने कहा कि भाभी राखी पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। दोनों बच्चियां हमें सौंपी जानी चाहिए।

सुमित की बहन सोनी ने बताया कि भाई कहता था -मैं कहां तक झेलूं।
भाई बोला था – मैं कहां तक झेलूं,फांसी लगा लूंगा सुमित की सबसे छोटी बहन श्वेता उर्फ सोनी सुसाइड से पहले अपनी मां को देखने सोमवार को दिल्ली से आयी थीं। गुरुवार की शाम तक वह घर पर ही थीं। सोनी ने बताया कि शाम को सुमित उन्हें छोड़ने बस स्टैंड गया था। उससे पहले उसने कहा था ”सोनी उसे (राखी को) समझाओ। मैं अब और नहीं झेल पाऊंगा, फांसी लगा लूंगा।” मुझे लगा कि सब ठीक है लेकिन जब भाई ने कहा तो मुझे अटपटा लगा। मैंने बस स्टैंड पर उससे कहा था कि उसकी बातों को इग्नोर करो। गलत कदम न उठाना। अपनी मां का मुंह देखो, बच्चों का मुंह देखो।
अवैध संबंध का भी लगाती थी आरोप सुमित की मां कहती हैं कि राखी सुमित पर अवैध संबंध का आरोप लगाकर भी प्रताड़ित करती थी। सुमित काफी सीधा था। धीरे-धीरे पूरे परिवार को उसने खड़ा किया था। राखी की हर सुविधा का ख्याल रखता था। मां कहती हैं कि सुमित की अलमारी से 3 सोने की चेन, दो अंगूठी, विवाह मे ले जाया गया जेवर और डेढ़ लाख रुपए गायब हैं। उनका आरोप बहू के मायके वालों पर है। हालांकि राखी ने इस बात से इनकार किया है।

सुमित की पत्नी रेखा अपनी छोटी बेटी के साथ कमरे में बिलखते हुए।
अब जानिए आरोपी पत्नी ने क्या कहा- घर के प्रथम तल पर एक कमरे में सुमित की मां और पूरा परिवार बैठा था। बगल में ही उसका बेडरूम है। जहां सुमित की पत्नी राखी अपने दोनों बच्चियों के साथ थी। दैनिक भास्कर की टीम ने उन पर लग रहे आरोपों पर उनका जवाब जानना चाहा। तो राखी ने घरवालों के आरोपों का खंडन किया।
उसने कहा कि वह अपने पति से बहुत प्यार करती थी। किस पति-पत्नी के बीच में कहासुनी नहीं होती, इतनी सी बात के लिए कोई जान तो नहीं देता। अगर मुझसे दिक्कत थी तो मुझे छोड़ देते मेरे पति। वह मुझसे प्यार नहीं करते थे लेकिन मैं प्यार करती थी और करती हूं।

पत्नी रेखा ने बताया कि मेरे पति सुमित कायर थे इसीलिए हमको छोड़कर चले गए।
मैंने बहुत दुख झेले हैं, लगता है सुसाइड कर लूं राखी ने कहा कि आज पूरा परिवार मिलकर मुझ पर और मेरी मां पर आरोप लगा रहा है। मेरे पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं। भाई प्राइवेट नौकरी करता है। मां ने लोन लेकर मेरी शादी की थी। मेरी बड़ी बहन की शादी टूट चुकी है, उसे भी मेरी मां ही पालती है। वह केवल इतना ही कहती थी कि मेरी बेटी को ठीक से रखो। जिस तरह से आरोप लगाया जा रहा है मेरी मां मर जाएगी। मेरे सामने यही रास्ता बचा है कि बच्चों को लेकर मैं भी सुसाइड कर लूं।

सुमित की बड़ी बेटी रोहिणी।
मुझे अफसोस है कि मेरा पति भूखा मर गया राखी ने कहा कि मेरी मति मारी गई थी कि मैंने पहले खाना खा लिया। मैं अपने पति को खाना नहीं खिला सकी। वह भूखा ही चला गया। रोते हुए राखी ने कहा कि मेरे पति कायर थे। वह हमें छोड़कर चले गए। उन्होंने बच्चों तक की नहीं सोंची। मुझे शक है कि घरवालों ने उसे कुछ पिला दिया, जिससे दिमाग उनके वश में हो गया था। शादी के 10 महीने तक वह ऐसे नहीं थे। उसके बाद वह बार-बार कहते थे कि मुझे कुछ नहीं देना है। उसने कहा कि वह अपनी बच्चियों को खुद ही पालेंगी। सबसे पहले देखा शव राखी ने कहा कि गुरुवार की रात को वह मेरे पास ही सोए थे। मुझे नींद लग गई। वह कब बाहर गए पता नहीं चला। सुबह भी मैं बच्चे को दूध पिला रही थी। इधर-उधर मैंने देखा तो वह नजर नहीं आए। मुझे लगा कि कहीं गए होंगे। बाद में टहलते हुए मैं स्टोर रूम की ओर गई तो वह फंदे से लटकते दिखे। मेरे हाथ-पांव फूल गए। मैं भागकर कमरे में आ गई। मोबाइल हाथ में था लेकिन मैं किसी का नंबर नहीं मिला पा रही थी। अपनी बातें रखते हुए राखी जोर-जोर से रोने लगती है।

सुमित अपनी पत्नी और बेटी के साथ।
अब जानिए पूरा मामला जानिए
सुभाष नगर कॉलोनी निवासी कारोबारी सुमित चौरसिया (40) का मालती लॉन के नाम से मैरिज हॉल है। सुमित की शादी 4 साल पहले यानी 2021 में राप्तीनगर शाहपुर निवासी राखी के साथ हुई। दोनों से दो बच्चियां हैं। बड़ी बेटी ढाई साल की तो छोटी छह महीने की है।
सुमित की 6 बहनें हैं। सभी की शादी हो चुकी है। 4 भाइयों में वह तीसरे नंबर के थे। सबसे छोटे भाई की शादी नहीं हुई है। सुमित के पिता ईश्वरचंद का निधन हो चुका है। सुमित ने नीचे की मंजिल में गोदाम और मकान किराए पर दिया था।
वह मां, छोटे भाई, उसकी पत्नी, बच्चों के साथ दूसरी मंजिल पर रहते थे। सुमित की पत्नी 4 दिन पहले मायके से दोनों बच्चियों के साथ घर आई। गुरुवार शाम दोनों में किसी बात पर बहस हुई। इसके बाद सुमित छत पर टीनशेड से बने कमरे में चले गए।
थोड़ी देर बाद मां और भाई छत पर गए तो कमरे में सुमित फंदे से लटके हुए थे। घटना के वक्त पत्नी और बच्चे भी घर पर ही थे। पुलिस ने शव को नीचे उतरवाया।
फोरेंसिक टीम को बुलाकर जांच कराई। सुमित के कमरे से सुसाइड नोट मिला। जिस पर पत्नी और सास के तानों से तंग आकर जान देने की बात लिखी हुई थी। पुलिस ने पत्नी से पूछताछ की।
अब हूबहू पढ़िए- सुमित ने सुसाइड नोट में क्या लिखा था
मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन अब हार मान रहा हूं, जीवन साथी के रूप में मैंने गलत इंसान को चुन लिया, जिसका अंत ऐसे ही होना था। मेरा चरित्र हनन किया गया, लेकिन हर प्रताड़ना की एक सीमा होती है, आज उसका अंत हो चुका है।
मैंने अपने जीवन को सार्थक बनाने का प्रयास किया। बहुत हद तक सफल रहा। पूरी कोशिश रही कि सबका जीवन स्तर सुधार सकूं, लेकिन मैं अपनी पत्नी का सुरसा रूपी मुंह भर नहीं पाया। इसलिए मेरा जीवन व्यर्थ है। अपनी सास और पत्नी की रोज-रोज की प्रताड़ना से तंग आ चुका हूं।
मेरी मौत की जिम्मेदार यही दोनों हैं। मेरी प्यारी छह बहनों से जीवनभर प्रेम मिलता रहा। मेरी मां समान बहनों से मेरी एक अंतिम आशा है कि मेरी दोनों बेटियों की शादी अच्छे घर में कराना। आप लोगों और मां से कहना चाहता हूं- मुझे माफ कर देना।
मैं जा रहा हूं..अगली बार फिर इसी परिवार में जन्म लूंगा। मेरे ससुराल पक्ष को मेरी लाश छूने या देखने का अवसर नहीं मिलना चाहिए। हिमांशु घर परिवार की जिम्मेदारी अब तुम्हारी है। मैंने अपने फोन के एक्सल सीट में सारा हिसाब लिख रखा है, देख लेना और संभाल लेना। अब पूर्ण विराम लग रहा है। राखी को इस घर से बालू का एक कण भी मत ले जाने देना।
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