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छत्तीसगढ़ के पंडरापाट क्षेत्र के किसानों ने नासिक से प्रेरणा लेकर अंगूर की खेती शुरू की है. ट्रायल में मिली सफलता के बाद अब वे बड़े पैमाने पर खेती का विस्तार कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र को नई पहचान मिल रही है.

अंगुर कि खेती
सरगुजा- छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के जसपुर जिले के पंडरापाट इलाके के किसानों ने अंगूर की खेती शुरू करने की प्रेरणा महाराष्ट्र के नासिक त्र्यंबकेश्वर धाम से प्राप्त की. वहां के किसानों से बातचीत के दौरान उन्हें अंगूर की खेती के बारे में जानकारी मिली, इस क्षेत्र में इस कृषि विधि को अपनाने का विचार किया गया.
ट्रायल के बाद सफलता
किसानों ने नासिक से अंगूर के पौधे 300 रुपये में खरीदे और उन्हें अपने गांव लौटने के बाद अपनी बाड़ी में लगाकर ट्रायल किया. कुछ समय बाद, किसानों के प्रयास रंग लाए और उनके पौधों पर फल आने लगे. अब अंगूर की फसल बंपर पैदावार देने की संभावना जताई जा रही है.
किसान अब अंगूर की खेती में कर रहे हैं विस्तार
जसपुर के दनगरी गांव में अंगूर की खेती में रुचि बढ़ी है. यहां के किसान जुगनू यादव और यशवंत ने पिछले साल अंगूर के पौधे लगाए थे और अब उनकी बाड़ी में शानदार पैदावार हो रही है. इस सफलता के बाद, इलाके के अन्य किसान भी अंगूर की खेती में रुचि दिखा रहे हैं.
फलोद्यान खेती को बढ़ावा देने की योजना
उद्यान विभाग ने पंडरापाट क्षेत्र में चाय, स्ट्रॉबेरी और सेव के साथ-साथ अंगूर की खेती को भी बढ़ावा देने का निर्णय लिया है. इस क्षेत्र की जलवायु अंगूर की खेती के लिए उपयुक्त मानी जा रही है, किसान अब इसे बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए तैयार हैं.
किसानों के उत्साह में बढ़ोतरी
इस इलाके में अंगूर की खेती को लेकर किसानों का उत्साह बढ़ा है. यहां के किसान अब अन्य क्षेत्रों से अंगूर की खेती के बारे में जानकारी लेने आ रहे हैं. उनका मानना है कि अंगूर की खेती से न सिर्फ उनके लाभ में वृद्धि होगी, बल्कि यह क्षेत्र कृषि के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहचान बना सकेगा.
बड़े पैमाने पर अंगूर की खेती
अब किसानों की योजना अंगूर की खेती को और बढ़ाने की है. पंडरापाट क्षेत्र में बेहतर जलवायु और कृषि संभावनाओं को देखते हुए यह क्षेत्र जल्द ही एक प्रमुख कृषि केंद्र के रूप में उभर सकता है. किसान इस नए अवसर का फायदा उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.