जौनपुर: अयोध्या की रहने वाली निधि शुक्ला ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPCS) परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की थी. वह अपने दूसरे प्रयास में पूरे प्रदेश में 8वीं रैंक और छात्रा वर्ग में दूसरी रैंक प्राप्त कर SDM पद के लिए चयनित हुईं. निधि की सफलता केवल उनकी मेहनत का परिणाम नहीं, बल्कि एक संघर्ष और संकल्प की मिसाल बन गया है.
बचपन में हो गई पिता की मौत
निधि के पिता संतोष शुक्ला छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में आदिवासी जनजाति विभाग में कार्यरत थे. उनका सपना था कि उनकी बेटी एक अधिकारी बने, लेकिन दुर्भाग्यवश निधि के बचपन में ही उनके पिता का निधन हो गया. पिता के जाने के बाद परिवार अयोध्या लौट आया. जहां उनकी मां मनोरमा शुक्ला ने कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने बच्चों की परवरिश की. निधि ने न केवल अपने पिता का सपना पूरा किया, बल्कि अधिकारी बनकर पूरे परिवार और समाज का नाम रोशन कर दिया.
संघर्ष भरी रही है उनकी शिक्षा यात्रा
निधि शुक्ला की शिक्षा यात्रा भी आसान नहीं रही है. उन्होंने हाई स्कूल की पढ़ाई छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले से पूरी की, इंटर मीडिएट की शिक्षा अयोध्या के अनिल सरस्वती विद्यालय से प्राप्त की. इसके बाद दरबारीलाल विमला देवी कॉलेज मिल्कीपुर से स्नातक और कुंवर चंद्रावती डिग्री कॉलेज कोटसराय से परास्नातक किया.
पहली बार मिली असफलता
स्नातक की पढ़ाई के बाद ही निधि ने यूपीपीसीएस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. 2021 में उन्होंने पहली बार परीक्षा दी थी, लेकिन सफलता नहीं मिली. लगातार प्रयास, कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के दम पर आखिरकार 2023 में उन्होंने UPPCS में 8वीं रैंक प्राप्त कर बड़ा मुकाम हासिल किया.
जानें संघर्ष से सफलता तक
निधि बताती हैं कि तैयारी के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. उन्होंने खुद से पढ़ाई की, एक बेहतर रणनीति बनाई, अनुशासन बनाए रखा और आत्मविश्वास कभी नहीं खोया. उन्होंने कहा कि ‘मेरे पिता हमेशा मुझे प्रेरित करते थे. आज उनकी अनुपस्थिति खल रही है, लेकिन वह जानती हैं कि वे जहां भी होंगे, उन्हें देखकर गर्व महसूस कर रहे होंगे.
जौनपुर में मिली पहली तैनाती
निधि शुक्ला को पहली तैनाती जौनपुर जिले में SDM के रूप में मिली है. अब वह प्रशासनिक सेवा में रहकर समाज की सेवा करेंगी और एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में काम करेंगी. उनकी यह सफलता सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि उन सभी बेटियों के लिए प्रेरणा है, जो किसी भी विपरीत परिस्थिति में हार मानने के बजाय अपने सपनों को पूरा करने का साहस रखती हैं.
हर बेटी के सपने को मिले पंख
निधि की इस उपलब्धि से प्रदेश की बेटियों को नई प्रेरणा मिलेगी. उन्होंने यह साबित कर दिया कि सपनों को पूरा करने के लिए हालात नहीं, बल्कि हौसले मायने रखते हैं. उनका सपना है कि वह समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं और शिक्षा के महत्व को बढ़ावा दें. उनकी कहानी न केवल सफलता की मिसाल है, बल्कि यह दिखाती है कि मजबूत इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है.