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International Women’s Day 2025: गीजलबेन पटेल ने पापड़ बेलने से 25 लाख के टर्नओवर तक का सफर तय किया. मिशन मंगलम योजना से प्रेरित होकर उन्होंने गृह उद्योग शुरू किया, जिससे 30 महिलाओं को रोजगार मिला.

गीजलबेन पटेल की 25 लाख टर्नओवर कंपनी
हाइलाइट्स
- गीजलबेन पटेल ने पापड़ उद्योग से 25 लाख का टर्नओवर हासिल किया.
- मिशन मंगलम योजना से प्रेरित होकर गृह उद्योग शुरू किया.
- उनके उद्योग में 30 महिलाओं को रोजगार मिला.
नवसारी: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के मौके पर हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने अपनी मेहनत और संघर्ष से खुद की पहचान बनाई. गुजरात की गीजलबेन पटेल की कहानी आज देशभर की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई है. कभी घर की चारदीवारी तक सीमित गीजलबेन ने गृह उद्योग को एक बड़े बिजनेस में तब्दील कर दिया.
दरअसल, नवसारी जिल के जलालपुर तालुका के छीनम गांव की श्रीमती गीजलबेन पटेल ने मिशन मंगलम योजना के तहत आरसेटी संस्था से प्रशिक्षण प्राप्त किया था. इसके बाद उन्होंने “जे जे महिला” गृह उद्योग शुरू किया. उनके गृह उद्योग को रिवॉल्विंग फंड और 3.5 लाख रुपये का लोन मिला था. आज उनके गृह उद्योग में 30 महिलाएं जुड़ी हुई हैं. इस गृह उद्योग में पापड़, पापड़ी और कच्ची वेफर बनाई जाती हैं, जिससे सालाना 20 से 25 लाख रुपये की कमाई होती है. इससे कई महिलाओं को रोजगार मिल रहा है.
गृह उद्योग की प्रोडक्ट्स की सुपरमार्केट में मांग
लोकल 18 से बात करते हुए गीजलबेन ने बताया, “मिशन मंगलम योजना के तहत मुझे अपने उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में मदद मिली है.” उन्होंने अपने यूनिट का विस्तार किया और वाहन भी खरीदा. पीएमजीपी योजना के तहत 25 लाख रुपये का लोन और 35% सब्सिडी मिली. आज उनके पास अपना प्रोडक्शन हाउस है, जहां विभिन्न प्रकार की कच्ची वेफर बनाई जाती हैं. सूरज की धूप में सुखाने के बाद वेफर को पैक करके बाजार में भेजा जाता है.
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G20 समिट 2023 का अवॉर्ड भी मिला है
गीजलबेन बताती हैं कि उनके उत्पादों की सुपरमार्केट में मांग है. उनका समूह ग्रामसभा और मेलों में भाग लेकर बिक्री करता है. हर बहन आर्थिक रूप से सशक्त हो गई है. हमारे संगठन को महिला ग्राम सम्मेलन में अवॉर्ड और G20 समिट 2023 का अवॉर्ड भी मिला है. NSIC की तरफ से राज्य और राष्ट्रीय मेले में फ्री एंट्री का लाभ भी मिला है.