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यूपी के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट चर्चा के दौरान महाकुंभ के आर्थिक प्रभाव के बारे में बताते हुए एक ऐसे नाव चलाने वाले के बारे में बताया, जिसने महाकुंभ के दौरान 30 करोड़ रुपये कमा लिए.

महाकुंभ में एक नाविक ने कम लिए इतने करोड रुपये
हाइलाइट्स
- योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की सफलता की कहानी साझा की.
- नाविक पिंटू महारा ने 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये कमाए.
- पिंटू ने 70 नावें बनवाईं और 300 से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया.
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राज्य विधानसभा को संबोधित करते हुए महाकुंभ की सफलता की कहानी शेयर की. मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि महाकुंभ 2025 के दौरान एक नाविक ने महज 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये की कमाई की. इस कहानी को समझाते हुए यूपी सीएम ने कहा कि नाविक के पास 130 नावें थीं और उन्होंने इस बड़े आयोजन के दौरान औसतन 23 लाख रुपये का लाभ कमाया.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 130 नावों के मालिक एक नाविक के परिवार ने महाकुंभ के दौरान सिर्फ 45 दिनों में कुल 30 करोड़ रुपये कमाए. इसका मतलब है कि हर नाव ने 45 दिनों में 23 लाख रुपये कमाए, जो कि हर दिन लगभग 50,000-52,000 रुपये है. मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट चर्चा के दौरान ये बातें बताईं. उन्होंने कुंभ के आर्थिक प्रभाव पर भी प्रकाश डाला और कहा कि उत्तर प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है.
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कौन है वो नाविक जिसने कमाए 30 करोड़
हम जिस नाविक की बात कर रहे है, वह पिंटू महारा हैं. पिंटू ने 45 दिन के भव्य धार्मिक समागम के दौरान श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए 70 नावें बनवाईं. इसके लिए पिंटू ने बैंक से लोन लिया और अपने गहने भी गिरवी रख दिए. वित्तीय जोखिमों के बावजूद, उन्हें पूरा भरोसा था कि महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु आएंगे और उनकी दूरदर्शिता रंग लाई.
पिंटू ने अपनी सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया तथा महाकुंभ के दौरान स्थानीय व्यवसायों को समर्थन देने में उनके प्रयासों की सराहना की. पिंटू के साथ 300 से ज्यादा लोगों ने काम किया और श्रद्धालुओं को नाव की सवारी, नहाने की व्यवस्था और दूसरी सेवाओं में मदद की. उनकी टीम ने तीर्थयात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए मुफ्त सेवाएं भी दीं.