Last Updated:
Success Story: आज हम आपको ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पहले दूसरों की दुकानों पर जाकर सिलाई करती थीं, लेकिन आज सरकार की योजना का लाभ लेकर खुद का कपड़ा उद्योग शुरू किया है, और 10 लोगों को रोजगार भी…और पढ़ें

महिला
हाइलाइट्स
- अनुजा ने कपड़ा उद्योग खोल 10 लोगों को रोजगार दिया.
- सरकार की योजना से अनुजा को 10 लाख का लोन मिला.
- अनुजा के कपड़े कई जिलों में सप्लाई होते हैं.
सहरसा:- जिले की महिलाएं सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर खुद का रोजगार स्थापित कर रही हैं, इतना ही नहीं वे अपने परिवार का तो पालन पोषण कर ही रही हैं, साथ में कई महिलाओं को रोजगार देने का काम कर रही हैं. आज हम ऐसी ही एक महिला के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. दरअसल सहरसा की अनुजा कुमारी के लिए मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना एक वरदान साबित हुई है. योजना की मदद से उन्होंने कपड़ा उद्योग खोला है, और आज अनुजा लगभग 10 लोगों को रोजगार भी दे रही हैं. इतना ही नहीं उनके यहां तैयार कपड़ा कई जिलों में सप्लाई भी होता है. तो चलिए जानते हैं, उन्होंने कैसे खड़ा किया खुद का कारोबार
दूसरों की दुकानों पर करती थीं सिलाई
आपको बता दें, आज अनुजा को एक सफल महिला के रूप में जाना जाता है. कभी अनुजा दूसरों की दुकानों में जाकर सिलाई का काम करती थीं, लेकिन सरकार का सहयोग मिलने के बाद यह महिला अपने बल पर न केवल खड़ी हुईं, बल्कि कई महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं. अनुजा के द्वारा रेडीमेड कपड़ा, सलवार सूट, पेटीकोट व ब्लाउज तैयार किए जाते हैं.
योजना के तहत मिला लोन
वहीं इसको लेकर अनुजा बताती हैं, कि उन्हें सरकार की तरफ से 10 लाख का ऋण प्रदान किया गया था, जिसमें 500000 का अनुदान भी दिया गया. ये मुख्यमंत्री महिलाओं के लिए काफी कुछ कर रहे हैं और उम्मीद है कि आगे भी महिलाओं के लिए इसी तरह से काम काम करेंगे, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें और अपने पैरों पर खड़ी हो सकें.
बचपन से था यह सपना
अनुजा मिश्रा बताती हैं, कि उन्होंने “सुचिता एंटरप्राइजेज” नाम से एक कपड़ा उद्योग शुरू किया है, जिसमें लगभग 10 लोगों को रोजगार मिला है. वह कहती हैं, सरकार का मेरे ऊपर बहुत बड़ा एहसान है, और उसी के कारण मैं आज इस मुकाम तक पहुंच पाई हूं. सरकार की योजना से मुझे 10 लाख रुपये का लोन मिला, जिससे मैंने यह उद्योग खोला. आगे वे कहती हैं, कि बचपन से मेरा सपना था कि अपना खुद का कपड़ा उद्योग खोलूं, और सरकार की मदद से वह सपना सच हुआ है. आज मुझे किसी चीज की कमी नहीं है, और मेरे उद्योग से तैयार कपड़े कई जिलों में भेजे जाते हैं