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Rampur News: रामपुर के नवाब रजा अली खां ने 1942 में नागरिक उड्डयन कानून लागू किया था. अब उनके पोते नवाब काज़िम अली खां उर्फ नवेद मियां ने पायलट बनने का सपना पूरा कर लिया है.

दादा ने बनाया था कानून, अब पोते ने उड़ाया जहाज रामपुर के शाही परिवार की दिलचस्प
हाइलाइट्स
- नवाब नवेद मियां बने पायलट, उम्र 64 साल
- रामपुर के नवाबों ने 1942 में उड्डयन कानून लागू किया था
- नवेद मियां ने प्राइवेट पायलट का लाइसेंस हासिल किया
रामपुर: जिस शहर में कभी हवाई जहाज तक नहीं था. ऐसे में वहां के नवाबों ने 84 साल पहले हवाई उड़ानों को लेकर कानून बना दिया था. अब उन्हीं नवाब का पोता पायलट बन गया है. ये कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि हकीकत है. 1942 में रामपुर रियासत के आखिरी शासक नवाब रजा अली खां ने नागरिक उड्डयन कानून लागू कर दिया था. और अब उनके पोते नवाब काज़िम अली खां उर्फ नवेद मियां (64) ने पायलट बनने का सपना पूरा कर लिया है.
नवाब नवेद मियां अब प्राइवेट पायलट का लाइसेंस हासिल कर चुके हैं. उन्होंने उड्डयन प्राधिकरण की मेडिकल परीक्षा पास की और मिस फ्लाइंग कॉलेज से पूरा प्रशिक्षण भी लिया. इससे पहले वे कोलंबिया यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर में मास्टर कर चुके हैं. यूपी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण हज मंत्री और पर्यटन निगम के चेयरमैन रह चुके 5 बार के विधायक नवेद मियां अब हवा में उड़ान भरने को तैयार हैं.
नवाबों ने जहाजों के लिए बनाया था ये नियम
बता दें कि रामपुर रियासत का नागरिक उड्डयन से नाता नया नहीं है. 7 फरवरी 1942 को रामपुर स्टेट गजट में नवाब रजा अली खां ने नागरिक उड्डयन कानून को मंजूरी दी थी. जबकि एक साल पहले 1941 में ही रियासत ने हवाई यात्रा से जुड़े नियम बना लिए थे. उस समय रियासत के पास कोई हवाई जहाज नहीं था, लेकिन नवाब की सोच बहुत आगे की थी. वह खुद हवाई जहाज खरीदना चाहते थे. खासबाग पैलेस के हालिया सर्वे में ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनसे यह बात साफ होती है.
नवेद मियां बताते हैं कि वह खुद अपने आप पर बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं. क्योंकि उनके दादा ने जिस कानून की नींव रखी थी. उस पर अब उनके पोते ने अमल किया है. यह सिर्फ उड़ान नहीं बल्कि एक सपने का पूरा होना है.