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Inspiring Story: कहते हैं हौसला हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है. असंभव को भी संभव बना सकता है. कुछ ऐसी ही कहानी सहारनपुर के शिवम कुमार की है. शिवम के बचपन से दोनों हाथ नहीं हैं, बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी…और पढ़ें

बिना हाथों के भी खेलते हैं अच्छा क्रिकेट रोहित शर्मा को करते हैं फॉलो
हाइलाइट्स
- सहारनपुर के शिवम कुमार बिना हाथों के भी अच्छा क्रिकेट खेलते हैं.
- शिवम कुमार रोहित शर्मा के बहुत बड़े फैन हैं.
- शिवम कई टूर्नामेंट में खेल चुके हैं और अच्छा प्रदर्शन किया है.
अंकुर सैनी/सहारनपुर: कहते हैं हौसला अगर बुलंद हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी मंजिल और आपके बीच रुकावट नहीं बनती है. ऐसा ही हौसला और जज्बा देखने को मिला है जिला सहारनपुर की नकुड़ विधानसभा के गांव बोरीबांस के रहने वाले शिवम कुमार में, जिनके बचपन से ही शरीर पर दोनों हाथ नहीं हैं. 6 साल की उम्र में जब उनको सही से होश आया, तो उन्होंने दूसरों को देखा और फिर अपने आप को देखकर महसूस किया कि वह दूसरों जैसे बिल्कुल भी नहीं है. लेकिन कुदरत की मार के बावजूद उनका हौसला नहीं टूटा और उस हौसले की बदौलत आज वह मजबूती से खड़ा हुआ है और अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना लिया.
शिवम कुमार बताते हैं कि उनको क्रिकेट को देखकर खेलने का काफी मन करता था, लेकिन दोनों हाथ नहीं होने से वह केवल लोगों को क्रिकेट खेलता हुआ देखा करते थे, लेकिन एक दिन उन्होंने बैट उठाकर क्रिकेट खेलने की कोशिश की और उसमें वह सफल भी रहे. धीरे-धीरे उन्होंने अपने घर में ही क्रिकेट खेलना शुरू किया और फिर अपने गांव के लड़कों के साथ क्रिकेट मैच देखने के लिए जाया करता था. एक दिन उसने भी क्रिकेट खेलने की इच्छा जताई तो लड़कों ने उसको देखकर उसकी हंसी उड़ाई लेकिन फिर जब उसको बैट थमाया गया, तो उसने बैट पकड़कर एक अच्छी बैटिंग करके दिखाई तब वह लड़के भी उसको देखकर हैरान रह गए और उसको अपनी टीम में शामिल करते हुए ओपनिंग करना शुरू कर दिया. माता-पिता ने शिवम कुमार को क्रिकेट खेलता देख उसके हौसले को आगे बढ़ते हुए उसको एक बैट खरीद कर भी दिया. शिवम कुमार बताते हैं कि वह इंडियन टीम के कप्तान रोहित शर्मा के बहुत बड़े फैन है और उनका सपना है कि वह रोहित शर्मा से एक न एक दिन जरूर मिलें.
कई क्रिकेट टूर्नामेंट में खेल चुके हैं शिवम कुमार
शिवम कुमार ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि पहले वह घर पर बैठकर टीवी पर क्रिकेट देखा करते थे और क्रिकेट देखकर उनका खेलने का मन करता था, लेकिन बिना हाथों के कैसे खेलते. फिर एक दिन घर में रखें बैट को पड़कर खेलने की कोशिश की और खेलते हुए पहले छोटी बाउंड्री बनाकर वहां तक बॉल पहुचाने की कोशिश की. फिर धीरे-धीरे बाउंड्री को बढ़ाकर वहां तक बॉल पहुँचानी शुरू कर दी. फिर गांव में खेलने वाले बच्चों के साथ वह क्रिकेट खेलने के लिए चल दिया, तो वहां पर बच्चों ने उसको देखकर कहा कि तू बिना हाथों के क्रिकेट कैसे खेलेगा. बच्चों ने उसको बैठकर क्रिकेट देखने की बात कही, लेकिन शिवम बोला नहीं मैं बैठकर क्रिकेट देखूंगा नहीं, बल्कि खेलूंगा. शिवम की जिद करने पर उसको मैच खेलने के लिए टीम में शामिल तो कर लिया और जब आखिरी ओवर में जीत के लिए 28 रन की आवश्यकता पड़ी तो शिवम कुमार को बैटिंग पर उतारा. शिवम कुमार 28 रन बनाकर टीम को जीत तो नहीं दिला पाया, लेकिन उसने उस ओवर में 23 रन जरूर बनाए. इसके बाद अन्य बच्चों ने उसको अच्छा क्रिकेट खेलता हुआ देखा और कहा कि तू एक अच्छा क्रिकेट खेल सकता है. उसके बाद से शिवम कुमार का हौसला भी बढ़ा और उसके माता पिता ने उसको क्रिकेट किट खरीद कर दी. शिवम कुमार उसके बाद कई टूर्नामेंट में खेला है और अच्छा प्रदर्शन भी किया है. बैटिंग के साथ-साथ शिवम कुमार अच्छा कैच भी पकड़ लेता है. अब शिवम कुमार को लगता है कि वह एक अच्छा क्रिकेट खेल सकता है और उसने अपनी तैयारी को और तेज कर दी है.
बिना हाथों के भी खेलते हैं अच्छा क्रिकेट
शिवम कुमार बताते हैं कि जब भी इंडियन टीम का मैच चलता है और उसमें रोहित शर्मा बैटिंग करते हैं तो वह टीवी के आगे से हिलते भी नहीं है. क्योंकि उनको रोहित शर्मा की बैटिंग देखना बहुत अच्छा लगता है और वह रोहित शर्मा के बहुत बड़े फैन भी हैं. वहीं आईपीएल में आउट ऑफ फॉर्म चल रहे रोहित शर्मा की कम बैक करने की उम्मीद भी है. शिवम कुमार को रोहित शर्मा का पुल शॉट बहुत ज्यादा पसंद है और शिवम कुमार भी पुल शॉट खेलने की पूरी कोशिश करते हैं, लेकिन कर नही पाते. शिवम कुमार अपनी लाइफ में रोहित शर्मा से एक बार जरूर मिलना चाहते हैं यह उनका सपना भी है.