नई दिल्ली. क्या कोई ऐसा व्यक्ति है जो बिना वीजा या पासपोर्ट के हर देश में जा सकता है? आमतौर पर, ब्रिटेन और जापान के राजा को कहीं भी जाने के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं होती. लेकिन एक ऐसा व्यक्ति है जो दुनिया के किसी भी देश में कभी भी बिना वीजा के यात्रा कर सकता है और कोई भी देश उसे रोक नहीं सकता.
ये विशेष अधिकार या विशेषाधिकार केवल एक व्यक्ति को दिया गया है, जो दुनिया के सबसे छोटे देश का प्रमुख है और कैथोलिक ईसाई धर्म का नेता भी माना जाता है, वह हैं पोप.
पोप को मिला है ये दर्जा
पोप को सबसे अनोखा और विशेष दर्जा मिला है. पोप फ्रांसिस ने अब तक 50 से अधिक देशों की यात्रा की है, जहां उन्हें वीजा की आवश्यकता नहीं पड़ी. दुनिया के अधिकांश देशों में पोप को वीजा की जरूरत नहीं होती. वेटिकन सिटी के प्रमुख के रूप में, वह एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राजनयिक व्यक्ति हैं. उनके पास अक्सर एक राजनयिक पासपोर्ट या विशेष दर्जा होता है, जिसके तहत वे बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं.
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बिना वीजा यात्रा कैसे?
दरअसल, पोप के पास वेटिकन का राजनयिक पासपोर्ट होता है, जिससे उन्हें ज्यादातर देशों में बिना वीजा यात्रा करने की अनुमति मिलती है. जब पोप किसी देश की आधिकारिक यात्रा पर जाते हैं, तो मेजबान देश आमतौर पर उन्हें विशेष छूट देता है. कुछ देशों में विशेष सुरक्षा या राजनीतिक कारणों से औपचारिकताएं हो सकती हैं, लेकिन सामान्यतः पोप को वीजा की आवश्यकता नहीं होती. जहां भी वे जाते हैं, वे राज्य अतिथि होते हैं.
पोप वेटिकन सिटी के प्रमुख और 1.3 अरब कैथोलिकों के आध्यात्मिक नेता हैं. उनका दर्जा किसी भी अन्य राजा या राजनयिक से अलग है, क्योंकि वेटिकन एक धार्मिक और राजनयिक इकाई है जिसे अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत पूर्ण संप्रभुता प्राप्त है. जब पोप किसी देश की यात्रा करते हैं, तो उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा दिया जाता है, जिसके तहत वीजा और पासपोर्ट नियम लागू नहीं होते.
लेटरन संधि (1929) के तहत इटली और वेटिकन के बीच हुए समझौते ने वेटिकन को एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा दिया, जिससे पोप को पूर्ण राजनयिक सुरक्षा प्राप्त हुई. वियना कन्वेंशन (1961) भी अंतरराष्ट्रीय संधियों के तहत पोप की विशेष स्थिति को मान्यता देता है. चीन और रूस जैसे देश कभी-कभी पोप की यात्राओं पर राजनीतिक शर्तें लगाते हैं, लेकिन तकनीकी रूप से वीजा की आवश्यकता नहीं होती. ब्रिटिश राजशाही को यह विशेषाधिकार प्राप्त नहीं है. ब्रिटिश राजशाही दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित राजनयिक संस्थाओं में से एक है, लेकिन उनकी स्थिति पोप जितनी विशेष नहीं है.