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चैत्र अमावस्या 29 मार्च को मनाई जाएगी, इसे शनि अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन ब्रह्मा, इंद्र और शिव वास योग बन रहे हैं. गंगा स्नान और पूजा से मनोकामना पूरी होगी.

अमावस्या पर पवित्र स्नान.
हाइलाइट्स
- चैत्र अमावस्या 29 मार्च को मनाई जाएगी.
- इस दिन ब्रह्मा, इंद्र और शिव वास योग बन रहे हैं.
- गंगा स्नान और पूजा से मनोकामना पूरी होगी.
अयोध्या: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस शुभ अवसर पर गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और शिव के साथ ही मां गंगा की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है. इसके अलावा, अमावस्या तिथि पर पितरों के तर्पण के साथ ही पिंडदान भी किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या तिथि पर महादेव की पूजा से सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है, वहीं पूर्वजों का तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है.
क्या आप जानते हैं कि मार्च महीने में अमावस्या तिथि कब है? क्या है शुभ मुहूर्त और क्यों इसे शनि अमावस्या कहा जाता है? चलिए, इस रिपोर्ट में डिटेल से जानते हैं.
चैत्र माह की अमावस्या
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की अमावस्या तिथि 28 मार्च को रात 7:55 बजे से शुरू होकर 29 मार्च को शाम 4:27 बजे समाप्त होगी. सनातन धर्म में अमावस्या तिथि बेहद खास मानी जाती है, और इस बार 29 मार्च को चैत्र अमावस्या मनाई जाएगी. शनिवार के दिन होने की वजह से इसे शनि अमावस्या कहा जाता है.
शनि अमावस्या का खास महत्व और शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस शनि अमावस्या के दिन कई दुर्लभ योग बन रहे हैं. इस दिन ब्रह्मा और इंद्र योग का शुभ संयोग भी बन रहा है. इसके अलावा, दुर्लभ शिव वास योग का भी निर्माण हो रहा है, जिसमें गंगा स्नान कर भगवान शिव के साथ शनिदेव की पूजा-अर्चना करने से हर मनोकामना पूरी होगी और जीवन में सुखों का आगमन होगा.
Ayodhya,Faizabad,Uttar Pradesh
March 17, 2025, 17:50 IST