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Jhansi News : झांसी वन विभाग अब जीपीएस ट्रैकर की मदद से पशुओं की गणना करेगा. इससे स्थायी वन पशुओं और प्रवासी पक्षियों की सटीक जानकारी मिलेगी. बुंदेलखंड में पहली बार इस पद्धति का उपयोग होगा, जिससे कर्मचारियों को…और पढ़ें

फाइल फोटो
हाइलाइट्स
- झांसी में जीपीएस से होगी जंगली पशुओं की गिनती.
- वन विभाग करेगा जीपीएस ट्रैकर का प्रयोग.
- बुंदेलखंड में पहली बार इस पद्धति का इस्तेमाल.
झांसी : झांसी वन विभाग अब पशुओं की गणना मैनुअल तरीके से नहीं करेगा. पशुओं की गणना के लिए झांसी वन विभाग अब जीपीएस (ग्लोबल पजिशनिंग सिस्टम) ट्रैकर की मदद लेगा. इससे न केवल स्थायी वन पशुओं की सटीक जानकारी मिल सकेगी. बल्कि, प्रवासी पक्षियों का आंकड़ा भी सही-सही सामने आ सकेगा. दरअसल, वन विभाग हर साल पशुओं की गणना करता है. इसके लिए विशेष टीम बनायी जाती है, जो पशु बाहुलता वाले इलाकों में सुबह-शाम विचरण करने वाले पशुओं की गिनती करता है.
इस व्यवस्था में अब बदलाव कर दिया गया है. प्रभागीय वन अधिकारी जेबी शेण्डे के अनुसार पशु गणना के लिए आधुनिक उपकरणों के अलावा जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस का प्रयोग किया जाएगा. यही तरीका जुलाई से सितम्बर तक यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों की गिनती के लिए भी अपनाया जाएगा. इसके लिए मंडल के तीनों जिलों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. बुंदेलखंड में पहली बार इस पद्धति का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे वन के इलाके में जाने वाले कर्मचारियों को भी आसानी हो जाएगी. उन्हें किसी प्रकार का खतरा नहीं होगा.
झांसी में पहली बार होगा इस्तेमाल
वन विभाग के अनुसार निश्चित स्थान पर रेडियो रिसीवर लगा दिया जाता है, जो उपग्रह संकेतों को पकड़ता है. कहीं-कहीं जीपीएस डिवाइस जानवरों के शरीर पर लगाए जाते हैं. इनकी तरंगे कण्ट्रोल रूम की डिवाइस पर पशुओं की संख्या बताती रहती है. यह भी पता चल जाता है कि वर्तमान समय में पशु किस जगह विचरण कर रहा है. यह डिवाइस देश के कई बड़े नेशनल फॉरेस्ट और पार्क में इस्तेमाल किया जा रहा है. झांसी में यह प्रयोग पहली बार किया जा रहा है.
Jhansi,Jhansi,Uttar Pradesh
March 17, 2025, 17:06 IST