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कन्नौज में इत्र व्यापारी रजनीगंधा के फूल से इत्र बनाते हैं, जिसकी सुगंध दूर-दूर तक मशहूर है. इसे बनाने में 27-28 दिन लगते हैं और 200 रुपये में 10 ग्राम से शुरू होता है.

Perfume
हाइलाइट्स
- कन्नौज में रजनीगंधा के फूल से इत्र बनता है
- इत्र बनाने में 27-28 दिन लगते हैं
- 200 रुपये में 10 ग्राम इत्र मिलता है
कन्नौज: कन्नौज में इत्र बनाने वाले लोग हजारों सालों से फूलों से खुशबू निकाल रहे हैं. यहां गुलाब और बेला से बहुत सारा इत्र बनता है. लेकिन एक खास फूल रजनीगंधा है, जो कन्नौज के बाहर से आता है, लेकिन इसकी खुशबू की डिमांड बहुत दूर-दूर तक है. रजनीगंधा की खुशबू लोगों को अपनी तरफ खींचती है. इसकी महक कपड़ों में कई दिनों तक बनी रहती है. इस खुशबू को सदाबहार खुशबू भी कहते हैं. महिला हो या पुरुष, हर मौसम में लोग इसे पसंद करते हैं. पार्टियों में तो रजनीगंधा का इत्र लगाकर जाना लोग खास पसंद करते हैं.
कैसे कितने दिन में होता तैयार
इत्र बनाने का तरीका बहुत लंबा होता है. पहले दिन लगभग 40 से 50 किलो फूल डेग में डाले जाते हैं. फिर ऐसा ही करते हुए 27 से 28 दिन तक इसको तैयार किया जाता है. करीब 1 महीने में सैकड़ों कुंतल फूलों से सिर्फ़ 8 से 10 किलो इत्र बन पाता है.
क्या रहता रेट
इत्र की खुशबू उसके फूलों और उसकी बनावट पर निर्भर करती है. आम तौर पर 10 ग्राम इत्र 200 रुपये से शुरू होता है. अगर इत्र में अच्छे और ज़्यादा फूल इस्तेमाल हुए हों तो उसकी कीमत बढ़ सकती है, जो ग्राहक की पसंद पर भी निर्भर करती है.
क्या बोले इत्र व्यापारी
इत्र के कारोबारी आलम बताते हैं कि उनका परिवार कई पीढ़ियों से इत्र बना रहा है. कन्नौज में गुलाब और बेला के बाद रजनीगंधा के इत्र की सबसे ज़्यादा मांग है. रजनीगंधा के फूल दूसरे राज्यों से आते हैं. कई राज्यों में औरतें इसे बालों में लगाती हैं. इसकी खुशबू बहुत अच्छी होती है और कन्नौज के इत्र वाले इसी से इत्र बनाते हैं. इसकी खुशबू लोगों को बहुत पसंद आती है.
Kannauj,Uttar Pradesh
March 17, 2025, 18:17 IST