
मेरठ के सौरभ हत्याकांड में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे नए-नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने खुलासा करते हुए कहा है कि साहिल और मुस्कान बचपन से एक-दूसरे जानते थे। दोनों ब्रह्मपुरी क्षेत्र स्थित विवेकानंद स्कूल में आठवीं क्लास तक साथ पढ़े थे। आठवीं के बाद दोनों अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाई करने के लिए चले गए। इसके बाद इनकी कोई मुलाकात नहीं हुई। वहीं, ब्रह्मपुरी स्थित इंदिरानगर निवासी सौरभ मर्चेंट नेवी में नौकरी करता था। उसके घर के पास मुस्कान के नाना अनिल रस्तोगी रहते थे, जो ज्योतिषी थे। अक्सर ब्रह्मपुरी के गौरीपुरा मोहल्ले से मुस्कान नाना के घर आती थी। सौरभ का भी अनिल रस्तोगी के घर आना जाना था। 2016 में दोनों की मुलाकात हुई और प्रेम हो गया।

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साैरभ हत्याकांड मेरठ
– फोटो : अमर उजाला
2019 में मुस्कान के जीवन में फिर से साहिल की एंट्री हुई
सौरभ और मुस्कान शादी करना चाहते थे, लेकिन दोनों के परिवार के लोग शादी करने के लिए राजी नहीं थे। हालांकि बाद में दोनों के परिजन मान गए। 2016 में उन्होंने शादी कर ली। शादी के बाद सौरभ नौकरी छोड़ी और परतापुर में प्लाईवुड फैक्टरी में नौकरी करने लगा। 2019 में बेटी पीहू का जन्म हुआ। इसके कुछ दिन बाद सौरभ लंदन चला गया और वहां दोस्त के साथ बेकरी में नौकरी करने लगा। मुस्कान फोन पर सौरभ से बातचीत करती थी। वीडियो कॉल पर बेटी से बात कराया करती थी। इसके बाद मुस्कान की जिंदगी में फिर से साहिल की एंट्री हुई।

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Meerut Murder
– फोटो : अमर उजाला
साथ पढ़ने वाले साथियों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। इसके माध्यम से मुस्कान की बातचीत साहिल से हुई। दोनों के बीच पर्सनल चैट होने लगी। शाॅप्रिक्स मॉल में इनकी मुलाकात हुई। इसके बाद बातचीत और मिलना-जुलना जारी रहा। दोनों कई बार ऋषिकेश और मसूरी भी घूमने गए। मकान मालिक ने साहिल और मुस्कान को आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया था और इसकी शिकायत फोन पर सौरभ से की थी। इस पर सौरभ ने मुस्कान को खरी खोटी सुनाई थी और कसम दिलाई थी कि वह अब साहिल से नहीं मिलेगी, लेकिन वह फिर भी साहिल से मिलती रही।

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meerut murder
– फोटो : अमर उजाला
2024 में सौरभ को मारने की बनाई थी प्लानिंग
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने नवंबर 2024 में सौरभ को मारने की प्लानिंग बनाई थी। उसे रास्ते से हटाकर दोनों साथ रहना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने नवंबर में ही गांव-गांव जाकर यह पता किया था कि जानवर के मरने पर उसे कहां दबाया जाता है, ताकि हत्या करने के बाद वह सौरभ का शव वहां दबा सकें और किसी को इसका पता भी न चले।

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मृतक सौरभ कुमार का फाइल फोटो
– फोटो : संवाद
300 रुपये में उस्तरा और पॉली बैग खरीदे थे
22 फरवरी 2025 को मुस्कान ने शारदा रोड स्थित एक डॉक्टर के यहां अपने को डिप्रेशन का मरीज बताते हुए नींद की गोलियां लिखवाईं, क्योंकि बिना डॉक्टर के पर्चे के नींद की दवाइयां नहीं मिलती हैं। इसके बाद उसने गूगल पर सर्च कर नींद और नशे की गोलियों के कुछ साल्ट और देखे। इन्हें उसने डॉक्टर के पर्चे पर खुद लिखा। वह प्रेमी के साथ खैरनगर पहुंच गई और नींद व नशे की गोलियां लीं। दोनों ने शारदा रोड से मीट काटने वाले 800 रुपये के दो चाकू, 300 रुपये में उस्तरा और पॉली बैग खरीदे। तीन मार्च को सौरभ अपनी मां रेणु के घर से लौकी के काेफ्ते की सब्जी लाया था। उसने कोफ्ते गर्म करने के लिए मुस्कान को दिए। मुस्कान ने सब्जी में नींद की व अन्य नशीली दवाइयां मिला दीं। इसके बाद सौरभ सो गया।