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लखनऊ की अशांगी मौर्या ने पैंक्रियाज ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी को हराकर इको-फ्रेंडली कैंडल बिजनेस खड़ा किया. मधुमक्खी पालन से प्रेरित होकर उन्होंने “बीब्लिस” ब्रांड शुरू किया, जिससे लाखों की कमाई कर रही हैं और मह…और पढ़ें

इस युवती ने पहले ट्यूमर को दी मात, फिर किया अपना स्टार्टअप शुरू, कैंडल लेडी बनने
सुमित राजपूत/नोएडा- लखनऊ की रहने वाली अशांगी मौर्या ने अपने साहस और आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश करते हुए अपने जीवन की चुनौतियों को अपनी ताकत बना लिया. एक समय ऐसा था जब उन्हें पैंक्रियाज ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. अपनी मजबूत इच्छाशक्ति और मेहनत के दम पर न केवल इस बीमारी को मात दी, बल्कि जीरो से शुरू करके अपने बिजनेस को बुलंदियों तक पहुंचाने की ओर आगे बढ़ रही हैं. अब वह इको-फ्रेंडली कैंडल बनाकर लाखों की कमाई कर रही हैं और ‘कैंडल लेडी’ के नाम से पहचाने जाने का सपना देख रही हैं.
संघर्षों से भरा जीवन, लेकिन हौसला रहा अडिग
अशांगी का बचपन संघर्षों से भरा रहा है. जब वह मात्र 12 साल की थीं, तभी उनकी मां का हार्ट अटैक से निधन हो गया. परिवार में उनके पिता और एक भाई हैं, जिनकी शादी हो चुकी है. घरवालों ने जितना हो सकता था, उतना समर्थन दिया, लेकिन कई कठिनाइयों के बावजूद अशांगी ने अपनी पढ़ाई जारी रखी. उन्होंने एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन किया और इसके बाद मधुमक्खी पालन में रुचि दिखाई. यही रुचि बाद में उनके बिजनेस की नींव बनी.
मधुमक्खी पालन से मिला बिजनेस आइडिया
अशांगी ने मधुमक्खी पालन के दौरान देखा कि शहद निकालने के बाद बचा हुआ मोम काफी उपयोगी होता है. उन्होंने सोचा कि इस प्राकृतिक मोम का उपयोग करके इको-फ्रेंडली कैंडल बनाई जा सकती हैं. इसके बाद उन्होंने रिसर्च किया और अलग-अलग प्रकार की कैंडल बनानी शुरू की. धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाई और उनके बनाए हुए कैंडल्स को लोगों का भरपूर प्यार मिलने लगा. उन्होंने अपने ब्रांड का नाम ‘बीब्लिस’ रखा, जो अब एक पहचान बन चुका है.
इको-फ्रेंडली कैंडल के फायदे
अशांगी के बनाए कैंडल पूरी तरह से प्राकृतिक होते हैं और किसी भी तरह के हानिकारक रसायनों से मुक्त होते हैं. बाजार में मिलने वाले कई सस्ते कैंडल्स पैराफिन वैक्स से बने होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं और वातावरण को भी दूषित करते हैं. इसके विपरीत, अशांगी बी वैक्स, सोया वैक्स और जल वैक्स का इस्तेमाल करती हैं, जिससे न केवल उनके कैंडल अधिक टिकाऊ होते हैं, बल्कि इनकी खुशबू भी प्राकृतिक और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है. उनके कैंडल की कीमत 50 रुपये से लेकर 500 रुपये तक होती है, जिससे हर वर्ग के लोग इसे आसानी से खरीद सकते हैं.
गांव की महिलाओं और बच्चों को दे रही प्रशिक्षण
अशांगी न केवल खुद आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि उन्होंने अपने हुनर को गांव की महिलाओं और स्कूल के बच्चों तक भी पहुंचाया है. वह समय-समय पर वर्कशॉप आयोजित करती हैं, जहां महिलाओं को कैंडल बनाने की ट्रेनिंग देती हैं ताकि वे भी आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकें. इसके अलावा, उन्होंने कई एग्जीबिशन में भाग लिया, जहां उनके कैंडल को काफी पसंद किया जाता है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित कई राज्यों में उनके प्रोडक्ट्स की अच्छी-खासी मांग है. अशांगी अपनी मेहनत और हुनर के दम पर हर एग्जीबिशन से 25 से 30 हजार रुपये कमा लेती हैं, जिससे उनकी सालाना आय लाखों में पहुंच चुकी है.
भविष्य की योजनाएं
अशांगी का सपना है कि वे ‘कैंडल लेडी’ के नाम से जानी जाएं और अपने बिजनेस को और भी बड़े स्तर पर लेकर जाएं. वह चाहती हैं कि उनके बनाए कैंडल्स देशभर में हर घर तक पहुंचे और लोग इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स की ओर अधिक आकर्षित हों.
Greater Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
March 17, 2025, 11:42 IST