Last Updated:
Indian Railways News: भारतीय रेलवे ने यात्रियों की यात्रा को सुखद, आरामदायक और सुरक्षित बनाने के लिहाज से ट्रेनों में एलएचबी (Linke Hofmann Busch) कोच लगाने का फैसला किया है. बीकानेर, दिल्ली सराय रोहिल्ला और जो…और पढ़ें

ट्रेन में LHB कोच का इस्तेमाल करने का फैसला किया गय है. (सांकेतिक फोटो)
नई दिल्ली. उत्तर पश्चिम रेलवे (North Western Railway) ने अब यात्रियों की यात्रा को सुखद, आरामदायक और सुरक्षित बनाने के लिहाज से ट्रेनों में एलएचबी (Linke Hofmann Busch) कोच लगाने का फैसला किया है. बीकानेर, दिल्ली सराय रोहिल्ला और जोधपुर के बीच चलने वाली ट्रेनों में यह एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं. मार्च के आखिर तक यह काम पूरा होकर रूट पर यह एलएचबी कोच से लैस ट्रेनें पटरी पर दौड़ती नजर आएंगी.
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुताबिक बीकानेर-दिल्ली सराय रोहिल्ला-बीकानेर व जोधपुर-दिल्ली सराय रोहिल्ला-जोधपुर स्पेशल ट्रेनें अब एलएचबी रैक से संचालित होंगी.
गाड़ी संख्या 04740/04739, बीकानेर-दिल्ली सराय रोहिल्ला-बीकानेर स्पेशल में बीकानेर से 30 मार्च से और दिल्ली सराय रोहिल्ला से 02 अप्रैल से एलएचबी कोच लगाये जा रहे है.
इसके अलावा, गाड़ी संख्या 02464/02463, जोधपुर-दिल्ली सराय रोहिल्ला-जोधपुर स्पेशल में जोधपुर से 31 मार्च से एवं दिल्ली सराय रोहिल्ला से भी 01 अप्रैल से एलएचबी कोच लगाये जा रहे है.
जाने क्या होते हैं एलएचबी कोच
रेलवे की ओर से यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा मुहैया कराने के लिए जर्मनी टेक्नोलॉजी के एलएचबी कोच को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार किया जाता है जोकि दुर्घटना के वक्त बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त नहीं होते हैं. आमतौर पर मौजूदा समय में ट्रेनों में लगे हुए कन्वेंशनल कोच दुर्घटना के वक्त पूरी तरीके से ढेर हो जाते हैं जिसमें जान माल का नुकसान बहुत ज्यादा होता है.
लेकिन एलएचबी कोच किसी दुर्घटना के वक्त एक दूसरे पर भी नहीं चढ़ते हैं. यह एंटी क्लाइंबिंग फीचर से लैस होते हैं. वहीं इनको आईसीएफ यानी कन्वेंशनल कोचों (Conventional Coaches) से ज्यादा सुरक्षित माना जाता है. यह वजन में भी काफी कम होते हैं. 1 एलएचबी कोच की कीमत 15 से 20 मिलियन बताई जाती है. वहीं, इनके ट्रेन में लगने के बाद स्पीड भी 120 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाती है.