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तेल की कीमतों में कमी से वैश्विक बाजारों में तेजी देखने को मिल रही है. क्रूड ऑयल सस्ता होने से एक फायदा ये भी होगा कि महंगाई का स्तर नीचे आएगा, जोकि कंपनियों का प्रोफिट बढ़ा देगा.

क्रूड ऑयल सस्ता होने से एक फायदा ये भी होगा कि महंगाई का स्तर नीचे आएगा.
मुंबई. भारतीय शेयर बाजार आज जबरदस्त तेजी दिखा रहा है. बीएसई सेंसेक्स में 1 फीसदी से ज्यादा की बढ़त है और यह 60 हजार का पार पहुंच चुका है. इसी तरह निफ्टी50 भी लगभग 18 हजार को छू चुका है. एक महीने में सेंसेक्स 3 हजार अंकों से अधिक बढ़ चुका है. बाजार से जुड़े विशेषज्ञ इस तेजी के पीछे एशियाई बाजारों में उछाल और तेल की कीमतों में गिरावट को मुख्य कारण मान रहे हैं. इसके अलावा कंपनियों के अच्छे नतीजे और केंद्रीय बैंक के अधिकारियों द्वारा मिल रहे नरमी के संकेत ने भी बाजार को उछाला है.
चीन द्वारा जीरो कोविड नीति को कड़ाई से लागू करने के फैसले से वहां तेल की मांग में कमी आई है. इसका असर ये हुआ है कि कीमतें गिर गई हैं. जबकि दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातत देश भारत इस कमी से लाभान्वित हो रहा है. तेल के सस्ता होने से एक फायदा ये भी होगा कि महंगाई का स्तर नीचे आएगा.
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अमेरिकी फेड पर नजर
इसी सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड अपनी नई मौद्रिक नीति की घोषणा करने वाले हैं. अमेरिकी बैंक अपनी ब्याज दरों में इजाफा कर सकते हैं. भारत की बात करें तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की अचानक बुलाई गई मीटिंग भी चर्चा में है. केंद्रीय बैंक, सरकार को जल्द जबाव सौंप सकता है कि आखिरकार महंगाई पर लगाम क्यों नहीं लग पाई है.
लाइवमिंट की एक रिपोर्ट को मुताबिक, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने इस बारे में कहा है कि अमेरिकी शेयर बाजारों के पॉजिटिव आने से ये भारतीय शेयर बाजार भी ऊपर आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि डाउ जोन्स में पिछले शुक्रवार कोई आई जबरदस्त रैली से विश्वभर के बाजारों में सकारात्मक संदेश दिया है. लगातार 4 सप्ताहों से अमेरिकी डाउ जोन्स में तेजी देखने को मिली है.
कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से आई अच्छी खबर
समझा जा रहा है कि अमेरिकी की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है और आने वाले दिनों में अमेरिकी सेंट्रल बैंक ब्याज दरों को लेकर आक्रामकता को कम करेगा. उधर, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के केंद्रीय बैंकों ने उम्मीद से कम ब्याज दरें बढ़ाई हैं. ऐसे में बाजार खुश है और विदेशी निवेशक अब खरीदारी कर रहे हैं.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के पास उपलब्ध अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने शुद्ध ₹1,569 करोड़ की इक्विटी खरीदी, जबकि घरेलू निवेशकों ने ₹613 करोड़ शेयर बेचे.