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Deepa Pai Success Story: देश की इस महिला उद्यमी की सक्सेस स्टोरी लाखों युवाओं, खासकर महिलाओं के लिए एक बड़ी मिसाल है, जो अपने दम पर कुछ बड़ा करना चाहती हैं. 5 रुपये की सॉफ्टी के सफर से आज वे 300 करोड़ के हैंग्य…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- दीपा पाई ने बैंक की नौकरी छोड़कर बिजनेस में कदम रखा.
- 5 रुपये की सॉफ्टी बेचकर फैमिली के कारोबार को आगे बढ़ाया.
- हैंग्यो आइसक्रीम ब्रांड का बिजनेस अब 300 करोड़ रुपये का है.
Success Story: पिछले कुछ सालों में देश में नौकरी छोड़कर बिजनेस की तरफ जाने वाले युवाओं की संख्या बढ़ी है. इनमें से कई लोगों ने तो कामयाबी की मिसाल तक कायम की है, इन्हीं में से एक हैं दीपा प्रदीप पाई…ये नाम शायद आपने पहले नहीं सुना होगा..लेकिन, इनकी कहानी जानने के बाद ऐसा हो सकता है कि आप इस महिला का नाम कभी ना भूलें. दीपा प्रदीप पाई एक महिला उद्यमी हैं, जिन्होंने आइसक्रीम का बिजनेस करने के लिए अपनी बैंक की नौकरी छोड़ दी. दीपा प्रदीप पाई ने यह साहसिक फैसला आज से करीब 30 साल पहले लिया. उस वक्त महिलाओं की संख्या नौकरी में भी बहुत कम हुआ करती थी. विरोध के बावजूद वे पीछे नहीं हटीं, और इसी का नतीजा है कि आज वे 300 करोड़ के हैंग्यो आइसक्रीम ब्रांड की को-फाउंडर और वाइस प्रेसिडेंट हैं.
शहर से गांव लौटी और मेहनत रंग लाई
इंस्टाग्राम पर इन्वेस्टअप मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, दीपा पाई ने मुंबई में बैंक की नौकरी छोड़कर अपने बिजनेस को जमाने के लिए गांव में कदम रखा. शुरुआत में उनके इस फैसले बदलाव का विरोध हुआ लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और अपनी कोशिश जारी रखी.
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1997 में 5 रुपये की सॉफ्टी आइसक्रीम बेचने से शुरुआत करके उन्होंने हैंग्यो को बड़ा ब्रांड बना दिया. आज की तारीख में हैंग्यो आइसक्रीम एक अच्छा ब्रांड है. हालांकि, 1997 में, पाई परिवार के दो विजनरी भाइयों दिनेश पाई और प्रदीप पाई (दीपा पाई के पति) ने आइसक्रीम बिजनेस में कदम रखा, दीपा पाई भी इस सफर में शामिल हो गईं.
साल 2003 में पाई फैमिली ने हैंग्यो आइसक्रीम ब्रांड की स्थापना की. इस आइसक्रीम ब्रांड का पहला क्रिएशन ‘सॉफ्टी’ था, जिसे खूब पहचान मिली. खासकर, 90 के दशक में तो सॉफ्टी हर बच्चे की पसंद रही. इन छोटी-सी शुरुआत से हैंग्यो ने 7 राज्यों में अपना विस्तार किया.