बलिया: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से सिविल सेवा परीक्षा 2024 के परिणाम जारी किए गए हैं. इसमें बलिया की बेटी ने प्रयागराज में रहकर इतिहास रच दिया है. जी हां हम बात कर रहे हैं बलिया की बेटी शक्ति दुबे की, जिनका केवल दो नंबर से पहली बार चयन नहीं हो पाया था. इस कारण शक्ति दुबे बहुत मायूस हुई थीं, लेकिन जरा हिम्मत देखिए उनकी, तीसरे प्रयास में प्रथम रैंक पाकर वह हर किसी के लिए वह प्रेरणा स्रोत बन गई है.
आपको बता दें, यह जानकारी तब मिली जब वरिष्ठ कोषाधिकारी बलिया आनंद दुबे ने Local 18 को फोन से जानकारी दी. शक्ति दुबे के कामयाबी का जश्न प्रयागराज और बलिया दोनो ही जगह मनाया जा रहा है. लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं. तो आइए जानते हैं IAS शक्ति दुबे की कहानी
इस बारे में वरिष्ठ कोषाधिकारी (CTO) आनंद दुबे ने कहा कि, “पूरे देश में परचम लहराने वाली यूपीएससी टॉपर शक्ति दुबे बलिया जिले के बैरिया तहसील के वाजिदपुर (रामपुर) गांव की रहने वाली हैं. शक्ति दुबे CTO की छोटी बहन और इनकी पत्नी अर्चना दुबे के बहन की ननद है.
नहीं किया कोई शौक, पढ़ाई पर किया पूरा फोकस
आनंद दुबे ने कहा कि, इंगेजमेंट में साढू भाई के साथ बहन शक्ति दुबे आई थीं, बिल्कुल यह लड़की साधारण तरीके से रहती थी. आगे वे बताते हैं, अपनी सुंदरता पर शक्ति दुबे ने कभी घमंड नहीं किया. इस दौरान बातचीत में जब आनंद दुबे को पता चला कि शक्ति दुबे आईएएस की तैयारी कर रही हैं, तो उन्होंने दावा किया था कि आप का व्यक्तित्व बहुत अच्छा है, आपको सफलता जरूर मिलेगी. लेकिन टॉप कर जाएंगी, यह आनंद दुबे ने भी नहीं सोचा था. कहा कि यह बहुत सौभाग्यशाली पल है. इसकी खुशी शब्दों में बयां नहीं की जा सकती है.
अन्य बच्चियों के लिए मिसाल बनी शक्ति दुबे
वरिष्ठ कोषाधिकारी आनंद दुबे ने कहा कि, सभी बच्चियां अपने खान-पान पर ध्यान दें, मेहनत और लगन से पढ़ाई करें. परिश्रम से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता हैं. उन्होंने अपने अंदर की फीलिंग बताते हुए कहा कि या देवी सर्वभूतेषू शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:. यानी हे देवी, जो सभी प्राणियों में शक्ति के रूप में विद्यमान है, मैं उस देवी को बार-बार नमस्कार करता हूं. आगे उन्होंने कहा, कि आज शक्ति दुबे ने पूरे भारत में बलिया का नाम रोशन किया है. फोन से बातचीत के दौरान मिली जानकारी के अनुसार रामपुर यानी शक्ति दुबे के गांव में जश्न का माहौल है.
यूपीएससी में सबसे टॉप
उन्होंने बताया, कि इस वक्त वह बहुत खुश हैं. वहीं शक्ति दुबे के बारे में जानकारी देते हुए बताया, कि वे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से अंडर ग्रेजुएट में गोल्ड मेडल पा चुकी हैं. वे बचपन से ही पढ़ने में होनहार हैं. वहीं, BHU से इन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन किया. इसमें भी यह गोल्ड मेडलिस्ट रहीं. इनके पिताजी का नाम देवेंद्र कुमार दुबे है. शक्ति के पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत हैं. इनकी बेटी ने देश दुनिया में एक मिसाल कायम की है. आज हर कोई शक्ति दुबे की कहानी पढ़ना चाहता है. हर किसी के लिए शक्ति दुबे प्रेरणा स्रोत बन गई.